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Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics

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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ जुग सहस्र जोजन पर https://shivchalisas.com

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